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शीत लहर से हार्ट और अस्थमा के मरीज रहें अलर्ट:कोविड की वजह से लंग्स हो गए हैं कमजोर; हो सकती है मौत

शीत लहर की वजह से दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार में अलर्ट जारी है। मध्यप्रदेश में स्कूल का टाइम बदला गया है, और छत्तीसगढ़ में स्कूल की छुटि्टयां कर दी गई है।

अब शीत लहर से बचने के लिए पूरे दिन आप कमरे में हीटर, ब्लोअर ऑन कर नहीं बैठ सकते हैं, बाहर तो निकलना ही होगा। इसलिए इसे हल्के में न लें, क्योंकि इस मौसम में थोड़ी सी भी लापरवाही मौत का कारण बन सकती है।

आज जानेंगे कि शीत लहर से आपको या आपके परिवार की हेल्थ को क्या नुकसान होगा, क्यों इससे बच्चे और बुजुर्गों को बचाकर रखने की जरूरत है…

सवाल: अचानक क्यों बढ़ गई है शीत लहर?

जवाब: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार नार्थ इंडिया में न्यूनतम तापमान जब 4.5 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए और ओवरऑल टेम्प्रेचर 10 डिग्री या उससे कम रहे, तो इस कंडीशन को शीत लहर या कोल्ड वेव कहा जाता है।

हिमालय से आने वाली सर्द हवाओं और ला नीना की वजह से इस समय नार्थ इंडिया शीत लहर की चपेट में है। प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में होने वाले परिवर्तन का जिक्र ला नीना से करते हैं। ला नीना की वजह से पैसिफिक ओशन में डिस्टरबेंस होता है और समुद्र का ठंडा पानी सतह पर आ जाता है। इसी वजह से दिसम्बर 2022 से फरवरी 2023 तक देश में ठंड बढ़ी रहेगी।

सवाल: मुझे ठंड लग गई है इसे किन-किन सिम्टम्स से पहचाना जा सकता है?

जवाब: हर व्यक्ति के लिए इसके सिंप्टम्स यानी लक्षण अलग-अलग है। कुछ कॉमन सिंप्टम्स नीचे लिखे जा रहे हैं, आपमें ये दिखें तो तुरंत डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करें।

सिरदर्दसीने में जकड़न और दर्दमांसपेशियों में दर्दखांसी-जुकामसांस लेने में दिक्कतबुखारहाथ-पैर ठंडे और सुन्न होना

सवाल: शीत लहर से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और पहले से हैं तो बढ़ सकती हैं?

जवाब: शीत लहर की वजह से हो सकती हैं ये 5 बीमारियां…

एग्जिमा- स्किन से रिलेटेड प्रॉब्लम्स सर्दियों में कॉमन है। एग्जिमा किसी भी उम्र में हो सकता है। इसमें स्किन सूखी, लाल और पपड़ीदार हो जाती है और खुजली होने लगती है। ज्यादा ठंड होने पर यह समस्या बढ़ जाती है।

बचने के उपाय

नहाने के लिए तेज गर्म पानी का इस्तेमाल न करें।स्किन पर ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट्स यूज न करें।मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।विटामिन डी से भरपूर चीजें खाएं।

अर्थराइटिस- सर्दियों का मौसम अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए मुश्किल होता है। इस समय उनके जोड़ों का दर्द और सूजन बढ़ जाती है।

बचने के उपाय

डॉक्टर की सलाह पर दवाई लें।गर्म कपड़ें पहनें।शरीर को गर्म रखने के लिए सही डाइट लें।हल्की एक्सरसाइज करें।

दिल की बीमारी – सर्दियों में दिल ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पाता जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

बचने के उपाय

खुद को एक्टिव रखें, समय-समय पर चेकअप कराएं।ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखें।खुद को ज्यादा गर्म न रखें, ओवर हीटिंग से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।ठंड के मौसम में खाना हमेशा ताजा और गर्म ही खाएं।

अस्थमा- सर्दियों में सांस की नली में सूजन बढ़ जाती है। इस वजह से सांस लेने का रास्ता छोटा हो जाता है और सांस लेने में परेशानी होती है। इससे खांसी और सीने में जकड़न भी महसूस होती है।

बचने के उपाय

कम से कम घर से बाहर निकलें।बाहर जाएं तो मास्क का प्रयोग करें।धूल और धुएं से बचें।ठंडी प्रकृति यानी तासीर वाली चीजें न खाएं।

खांसी-जुकाम- सर्दियों में खांसी-जुकाम की समस्या बढ़ जाती है और सांस लेने में दिक्कत आती है।

बचने के उपाय

खांसी-जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।गुनगुना पानी पिएं।2-3 लेयर गर्म कपड़े पहनें।ठंडी चीजें खाने से बचें।

सवाल: शीत लहर में किस तरह की लिक्विड डाइट लेनी चाहिए जिससे शरीर गर्म रहें?

जवाब: शीत लहर से बचने के लिए सही डाइट लेना बहुत जरूरी है।

तुलसी, लौंग, अदरक और काली मिर्च से बनी चाय पिएं।ग्रीन टी, लेमन टी, ब्लैक टी और सूप भी ले सकते हैं।विटामिन सी से भरपूर चीजें जैसे संतरा, नींबू, आंवले का जूस पिएं।हल्दी वाले दूध के साथ च्यवनप्राश खाएंं। इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी।

सवाल: ठंड के मौसम में हाथ-पैर हमेशा ठंडे क्यों रहते हैं? इससे बचने के लिए क्या करूं?

जवाब: हाथ-पैरों तक ब्लड फ्लो जाते-जाते कम हो जाता है। ठंड ज्यादा होने से हाथ-पैरों की नसें सिकुड़ भी जाती हैं। इसी वजह से सर्दियों में अक्सर लोगों के हाथ-पैर ठंडे रहते हैं। यह सामान्य है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

हाथ-पैर गर्म रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स

हाथ-पैरों को गर्म सॉक्स और ग्लव्स से ढ़ककर रखें।गुनगुने सरसों के तेल से मालिश करें। तेल से मसाज करने से पंजों का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे ऑक्सीजन की सप्लाई सही होती है।एक टब में गर्म पानी और सेंधा नमक डालकर हाथ-पैरों की सिकाई कर सकते हैं।आयरन से भरपूर डाइट जैसे चुकंदर, पालक, खजूर, अखरोट खाएं।

सवाल: इस समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों का कैसे ख्याल रखें?

जवाब: सर्दी में छोटे बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए सबसे जरूरी है घर को गर्म रखना। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे और बुजुर्ग ज्यादातर समय घर में ही बिताते हैं।

ऐसे रखें घर गर्म…

दिन के समय धूप आने के लिए खिड़कियां खोल दें। शाम में धूप जाने से पहले इन्हें बंद जरूर कर दें।घर में मोटे पर्दों का इस्तेमाल करें जिससे बाहर की सर्द हवा अंदर न आ सकें।कमरे में चादर, कंबल, परदे वगैरह गहरे रंग के इस्तेमाल करें।बेड पर कंबल या गर्म चादर बिछाएं।

सर्दियों में छोटे बच्चों की देखभाल के लिए इन 10 टिप्स को फॉलो करें…

ठंड से बच्चों को सर्दी-जुकाम आसानी से हो जाता है। इससे उनकी नाक बंद हो जाती है और सांस लेने में परेशानी होती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर नेजल ड्रॉप का इस्तेमाल करें।बच्चों के कमरे में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इससे वे प्रदूषण और धुंए से बचे रहेंगे।रात में बच्चों के ऊपर कई सारे कंबल और रजाई न डालें। इससे उनका दम घुट सकता है।बच्चों को बिस्तर पर सुलाने से पहले हॉट वाटर बाटल से बिस्तर गर्म कर लें।ठंड की वजह से बच्चे का पेट दर्द हो रहा है या पेट साफ नहीं हो रहा है तो अजवाइन का इस्तेमाल करें।हल्के गुनगुने तेल से बच्चों की तेल मालिश करें। इसके लिए नारियल तेल, सरसों का तेल, बादाम का तेल या बेबी ऑयल इस्तेमाल कर सकते हैं।अगर बच्चा 7 महीने से बड़ा हो गया है और उसने खाना शुरू कर दिया है, तो बासी और ठंडा खाना न खिलाएं।बच्चा अगर एक साल से बड़ा है तो डॉक्टर की सलाह पर दूध पिला सकते हैं।बच्चों को मौसम के हिसाब से फल और सब्जियां खिलाएं। इससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत होगी।बच्चे को अंडा खिलाएं। इससे बच्चे का शरीर गर्म रहेगा।

ठंड में रखें बुजुर्गों का ख्याल…

ज्यादा ठंड पड़ने पर बुजुर्गों को घर से बाहर न जाने दें।एक मोटे कपड़े की जगह दो-तीन लेयर गर्म कपड़े पहनाएं।बुजुर्गों को एक्सरसाइज जरूर कराएं। सुबह-शाम की जगह दोपहर में एक्सरसाइज कराएं।बैलेंस्ड डाइट खिलाएं जो विटामिन सी से भरपूर हो।दवाइयों का खास ख्याल रखें। सभी दवाइयां समय पर दें।

सवाल: कुछ लोग ठंड आते ही गर्म पानी पीना शुरू कर देते हैं, इसे पीने का सही तरीका क्या है?

जवाब: सर्दियों में गर्म पानी पीने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। गर्म पानी पीने से सीने में बलगम जमा नहीं होता और पेट भी साफ रहता है। इससे जोड़ों में अकड़न की समस्या दूर होती है।

गर्म पानी पीने का सही तरीका

गर्म पानी दिन में चार ग्लास से ज्यादा न पिएं। जरूरत से ज्यादा गर्म पानी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर सर्दियों में ठंडा पानी नहीं पी सकते हैं तो उसमें गर्म पानी मिलाकर पिएं।

सवाल: गर्म पानी पूरे दिन पीने से कोई नुकसान भी है क्या?

जवाब: जरूरत से ज्यादा गर्म पानी पीने से हो सकता है नुकसान…

सांस फूलने की समस्या हो सकती है।ज्यादा गर्म पानी से मुंह में छाले और इंटरनल ऑर्गन्स को नुकसान हो सकता है।किडनी को नुकसान हो सकता है।ज्यादा पानी पीने से दिमाग की सेल्स में सूजन आ सकती है। इससे कॉन्सेंट्रेशन कमजोर हो जाता है।जरूरत से ज्यादा गर्म पानी पीने से ब्लड वेसल्स और दिल पर दबाव बढ़ जाता है।

सवाल: कोई कहता है गर्म पानी से नहाओ, कोई कहता है ठंडा ही हर मौसम में बेस्ट है। क्या करें?

जवाब: ठंडे पानी से नहाने के फायदे…

ठंडे पानी से नहाने से बाल और स्किन हाइड्रेट रहती है।ठंडा पानी वजन कम करने के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर का ब्राउन फैट एक्टिवेट हो जाता है जिससे वजन कम होता है।तनाव को कम करने के लिए ठंडा पानी बेहतर है।

गर्म पानी से नहाने के फायदे…

गर्म पानी से नहाने से मसल्स रिलैक्स होती हैं।गर्म पानी शरीर के टेम्प्रेचर का बैलेंस मेंटेन करता है और सर्दी से बचाता है।गर्म पानी की भाप लेने से जुकाम में फायदा होता है और सांस लेने में आसानी होती है।

दोनों में से क्या है बेहतर- आयुर्वेद के अनुसार शारीरिक स्वास्थ्य के लिए गर्म पानी बेहतर है। वहीं ठंडा पानी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर ऑप्शन है।

सवाल: क्या शीत लहर से किसी की जान भी जा सकती है?

जवाब: हां। हर साल शीतलहर की वजह से कई लोग अपनी जान गवां देते हैं। ठंड बढ़ने से पहले से बीमार लोगों की कॉम्प्लिकेशन्स बढ़ जाती हैं जिससे जान जा सकती है। वहीं, कोविड के बाद से दिल, सांस और लंग्स से जुड़ी कई बीमारियां हैं जो सर्दी में जानलेवा हो सकती हैं।

ठंड को एंजाय करने के साथ हेल्दी रहना भी बेहद जरूरी है। इसलिए अच्छा खाएं, अच्छी नींद लें और स्वस्थ रहें।

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