
पंजाब की जालंधर वेस्ट विधानसभा सीट पर AAP के स्ट्रॉन्ग होने की चर्चा तो थी लेकिन इस तरह लैंडस्लाइड विक्ट्री होगी, इस बारे में खुद आम आदमी पार्टी ने भी नहीं सोचा था।
शनिवार को उपचुनाव की मतगणना में AAP के मोहिंदर भगत यहां से 37,325 वोटों से जीत गए। उन्हें 55,246 वोट मिले।
इसके उलट उनके खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा, कांग्रेस, अकाली दल और निर्दलीय समेत 15 उम्मीदवारों के वोट जोड़ दें तो भी उन्हें कुल 39,363 वोट पड़े।मोहिंदर भगत की चुनाव में जीत में CM भगवंत मान की एग्रेसिव कैंपेनिंग तो है ही लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह भगत को जीत के बाद मंत्री बनाने के वादे की है।
सीएम भगवंत मान ने यहां जनसभा में कहा था कि पहली सीढ़ी जालंधर वेस्ट वाले चढ़ा दें, दूसरी वह खुद चढ़ा देंगे।लोगों ने इससे समझ लिया कि भगत को मंत्री पद मिलेगा। हाल ही में गुरमीत मीत हेयर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद एक मंत्री पद खाली हुआ है।
2022 में बनी AAP सरकार में यह पहली बार है कि जालंधर शहरी इलाके से कोई मंत्री नहीं है। वहीं लोगों ने राज्य की पॉलिटिक्स में 7 लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस और तीसरी पार्टी बनकर उभरी भाजपा को नकार दिया। सुखबीर बादल की अगुआई वाले अकाली दल को यहां लोगों ने सिरे से खारिज कर दिया।
आप की जीत के यह 6 और वजहें भी
1. फ्रंट पर आकर CM का प्रचार
लोकसभा चुनावों में AAP की हार के बाद सीएम भगवंत मान के लिए ये उप-चुनाव एक कड़ी चुनौती बना, जिसे उन्होंने फ्रंट पर रहते हुए जीता है। चुनावों की घोषणा व मोहिंदर भगत का नाम घोषित होने के बाद सीएम का खुद जालंधर में घर लेना और सप्ताह में दो दिन यहां रुकने की घोषणा ने वोटरों को एक बार फिर AAP पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम AAP प्रचार लिस्ट में चाहे नीचे था, लेकिन पूरे प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाल ली थी। अंतिम दिनों में सीएम मान ने खुद मीटिंगें करनी शुरू की। एक दिन में सीएम मान ने 4 से 5 मीटिंग्स का लक्ष्य रखा था। भीड़ के बीच आम नागरिक की तरह सीएम मान को घूमते देख वोटरों का विश्वास बढ़ा और AAP को उसका फायदा हुआ।
2. सीएम की पत्नी ने महिलाओं को साधा
CM मान खुद फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन उन्हें अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का साथ भी इन चुनावों में मिला। चुनाव घोषणा के बाद सीएम मान के साथ डॉ. गुरप्रीत कौर भी जालंधर में शिफ्ट हो गईं। हाथ में कुछ महीनों की बेटी को पकड़ जालंधर में खरीदे घर में प्रवेश ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ी।
3 – इसके बाद सीएम मान की गैरहाजिरी में उन्होंने कैंप ऑफिस में लोगों की मुश्किलों को सुना और तत्काल उनकी समस्याओं को हल भी करवाया। इतना ही नहीं, डॉ. गुरप्रीत कौर खुद नुक्कड़ मीटिंगों में पहुंची और फीमेल वोटरों का विश्वास जीता।
4. जालंधर वेस्ट में 50% से अधिक SC वोटर, इनका साथ भगत को मिला
जालंधर लोकसभा चुनावों में सांसद बने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी की जीत का सबसे बड़ा कारण SC व रविदासिया समुदाय का समर्थन मिलना था। जालंधर वेस्ट की बात करें ताे यहां 50% से अधिक वोटर SC, रविदासिया व भगत समुदाय का है।
चुनावों की घोषणा के बाद से ही मोहिंदर भगत को भगत समुदाय ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रविदासिया समुदाय भी खुलकर उनके साथ चला। पूर्ण रूप से SC वोटर का साथ मिलने के बाद मोहिंदर पाल भगत की जीत लगभग तय हो चुकी थी।
5. AAP सरकार की स्कीमों का लाभ
जालंधर वेस्ट में अधिकतर आबादी बस्तियों में बसती है, जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) कैटेगरी में आते हैं। भार्गव कैंप, बस्ती दानिशमंदा, बस्ती गुजां, बबरीक चौक और बस्ती नौ ऐसे इलाके हैं, जहां अधिकतर वोटर हैं। AAP को इन इलाकों से काफी अधिक फायदा हुआ। 600 यूनिट के बाद भी इन्हें बिजली मुफ्त है और आटा दाल स्कीम से यहां कई घरों के चूल्हे चलते हैं।
6. साफ छवि व चुन्नी लाल भगत के परिवार की छाप रही भारी
मोहिंदर पाल भगत पूर्व भाजपा विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री रहे चुन्नी लाल भगत के बेटे हैं। चुन्नी लाल भगत की तरह मोहिंदर भगत की भी सियासी छवि साफ-सुथरी रही है। AAP व CM मान ने उनकी छवि को आगे रखकर ही प्रचार शुरू किया।जबकि कांग्रेस पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के एक भी काम को प्रमुख रखकर वोट नहीं मांग सकी। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल को व्यक्तिगत छवि और दलबदलू के टैग का नुकसान झेलना पड़ा।
जाने क्यों जरूरी थी AAP के लिए ये जीत
AAP को लोकसभा 2024 के चुनावों में पंजाब में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा था। वह लोकसभा की 13 में से 3 ही सीटें जीत सकी। इससे विरोधी AAP की पॉपुलैरिटी और CM भगवंत मान के नेतृत्व पर सवाल खड़े करने लगे। इस जीत से CM कह सकते हैं कि लोकसभा में भले ही वोटरों ने राष्ट्रीय मुद्दे देखे हों लेकिन पंजाब की जनता को उन पर पूरा भरोसा है।वहीं इसका लाभ आगामी पंचायत और नगर निगम चुनाव में मिलेगा। वहीं, आने वाले 6 महीनों में 4 और सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अगर इस विधानसभा उप-चुनाव में भी हार मिलती तो AAP के वर्कर नैतिक रूप से कमजोर जो जाती।
कांग्रेस को झटका, विधानसभा की राह अब भी मुश्किल
कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने और राज्य में 26.30% वोट हासिल करने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। लोकसभा चुनाव जालंधर में जीतने के बाद भी उप-चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को अब मंथन की आवश्यकता है। 2022 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से कई सीनियर लीडर चुप्पी साध चुके हैं और PPCC से उलट चल रहे हैं।कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें इकट्ठे करके आने वाले समय में 4 लोकसभा सीटों, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला पर होने वाले उप-चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है। कांग्रेस के लिए ये चार सीटों में से तीन पर जीत हासिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 2022 में इनमें से तीन सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल पर कांग्रेस का कब्जा था।
भाजपा खुद को मजबूत करने में जुटी
भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास पंजाब से एक भी लोकसभा सीट नहीं है, लेकिन वह राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा विस्तार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में उसका लक्ष्य अपने कैडर वोटर को बढ़ाना है। दलबदलू का टैग पाकर शीतल अंगुराल उप-चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिर्फ उनके ही नहीं, सुशील कुमार रिंकू के लिए भी भाजपा में अपना स्थान बनाए रखना एक चुनौती है।
अकाली दल की हालत और बदतर हुई
पंजाब में अकाली दल की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। जालंधर वेस्ट सीट में अकाली दल ने सुरजीत कौर को अपना कैंडिडेट बनाया था। मगर, बाद में सुखबीर बादल गुट के नेताओं ने हाथ वापस खींच लिए। हालांकि बीबी जगीर कौर वाले बागी गुट ने उनका समर्थन जारी रखा। इसके बावजूद सुरजीत कौर को सिर्फ 1242 वोट मिले।
वहीं अकाली दल ने इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर लाखा का समर्थन किया। मगर, बिंदर की हालत सुरजीत कौर से भी कमजोर रही। उन्हें सिर्फ 734 वोट मिले।
उप-चुनावों में भी CM मान को दिखानी होगी ताकत
जालंधर वेस्ट चुनाव के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती चार सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला के उप-चुनाव होंगे। AAP के लिए अपनी गिरी पॉपुलैरिटी को उठाने का यहां सबसे अच्छा मौका होगा। सीएम मान के बाद पंजाब में अभी तक कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है और ये पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान भी है।
ऐसे में जालंधर उप-चुनाव की तरह ही इन विधानसभा हलकों की कमान सीएम मान को खुद संभालनी होगी। बरनाला तो AAP का गढ़ है। CM मान इसे अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। वहीं, चब्बेवाल के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार के दल-बदल कर सांसद बन जाने के बाद यहां भी AAP स्ट्रॉन्ग हुई है। डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा दो कांग्रेस की सीटें हैं, जिनकी सेंधमारी के लिए CM मान को कड़ी मेहनत करनी होगी।
जालंधर वेस्ट से जीते मोहिंदर भगत की विपक्ष को नसीहत:बोले- जनता को AAP पर यकीन, चब्बेवाल ने कहा- 2 बिंदुओं पर हुई जीत…
जालंधर पश्चिम हलके में जीत के बाद कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, होशियारपुर के सांसद राज कुमार चब्बेवाल और नवनिर्वाचित विधायक मोहिंदर भगत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। मंत्री अरोड़ा ने कहा- पश्चिम हलके के लोगों ने बता दिया है कि वे किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि पार्टी को वोट देते हैं। क्योंकि जब शीतल अंगुराल जीते थे, तो शीतल आम आदमी पार्टी के साथ थे और आज मोहिंदर भगत जीते हैं, तो वे आप के साथ हैं।
भगत ने कहा- विपक्ष को हमारी पार्टी से एकता सीखनी चाहिए
नव निर्वाचित विधायक मोहिंदर भगत ने कहा- मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत दर्ज करेंगे, लोगों ने सीएम मान और पार्टी के काम से प्रभावित होकर हमें जिताया है। भगत ने कहा- अब हमारी पार्टी जालंधर वेस्ट को सेफ बनाएगी।
क्योंकि उक्त एरिया बुरे कामों के लिए ही बदनाम है। आगे भगत ने कहा- हमारी पार्टी से विपक्ष को सीखना चाहिए कि पार्टी के नेता कैसे एकजुट होकर काम कर सकते हैं। आने वाले समय में भी हम ऐसे ही चुनाव लड़कर जीतेंगे।
चब्बेवाल बोले- वेस्ट हलके को एक अच्छा राजनीतिक परिवार मिला
होशियारपुर से सांसद राज कुमार चब्बेवाल ने कहा- जालंधर की जीत 2 पॉइंटों पर पुख्ता हुई है। जिसमें सबसे बड़ा पॉइंट सीएम का जालंधर में घर लेकर रहना है। साथ ही दूसरा पॉइंट भगत जैसा उम्मीदवार चुनना है। क्योंकि लोग भगत को उम्मीदवार घोषित किए जाने से खुश हैं, भगत एक अच्छे परिवार से संबंध रखते हैं। साथ ही सीएम के जालंधर में रहने से लोगों को उम्मीद जागी कि अब वह सीएम से मिलकर कोई भी काम करवा सकते हैं।
जिंपा बोले- आप पर लोगों को यकीन
कैबिनेट मंत्री बृह्म शंकर जिंपा ने कहा- जालंधर के लोगों ने बता दिया कि वह आम आदमी पार्टी के साथ हैं। आम आदमी पार्टी को पूरे देश में पसंद किया जा रहा है, जालंधर की जीत इसका पुख्ता सबूत है। बीजेपी के खिलाफ देश एक जुटे हो रहा है।
साथ ही पूर्व विधायक पवन कुमार टीनू ने कहा- लोगों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर विश्वास किया है। पिछले सात साल में विपक्ष के नेताओं के पास ये सीट थी, मगर उन्होंने उक्त हलके को बर्बाद किया है। इसलिए जनता ने हमें उक्त सीट से नवाजा है जिससे लोगों के काम हो सकें।