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मास्टर सलीम का कन्हैया मित्तल को जवाब:बोले- कोई अपने मंच से उल्टा बोलकर रोटी नहीं रोक सकता; कलाकारों पर उनकी छोटी सोच

भजन गायक कन्हैया मित्तल और मास्टर सलीम का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। पिछले दिनों मित्तल ने एक प्रोग्राम में कहा था कि माता के जागरण सिर्फ हिंदू कलाकारों से ही कराने चाहिए। मर्यादा से बाहर रहकर मुस्लिम कलाकारों को नहीं बुलाया जाना चाहिए। मास्टर सलीम ने कन्हैया मित्तल को बहुत ही शालीन तरीके से इसका जवाब दिया है।

मास्टर सलीम ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि कोई अपने मंच से उलटा-सीधा बोल कर किसी की रोटी नहीं रोक सकता। उनके पास कन्हैया मित्तल का खुद फोन आया था कि वे उसके घर आएं। वहां उनकी मां से उन्हें बहुत स्नेह और प्यार मिला। वह खुद हैरान है कि मित्तल इस तरह का बयान कैसे दे सकते हैं? वह बहुत ही सुलझे हुए इंसान है। घर पर उन्होंने अपनी खुद की कुर्सी उनके आगे बैठने के लिए रख दी थी।

कन्हैया के स्टूडियों में जाकर उन दोनों ने एक भजन की पंक्तियां भी बनाई थी और जल्द ही इकट्‌ठे भजन करने की भी सोची थी, लेकिन अब इस तरह से मित्तल का मुस्लिम कलाकारों के बारे में बोलना दिल को ठेस पहुंचा रहा है।

मित्तल की है छोटी सोच

मित्तल की बहुत छोटी सोच है जो लोगों से कह रहे है कि मुस्लिम कलाकारों से जागरण न कराएं। हिन्दुस्तान सभी धर्मों का देश है। देश में किसी कौम, धर्म के खिलाफ कोई भी व्यक्ति टिप्पणी नहीं कर सकता। कई ऐसे मुस्लिम भी है जो अपनी मुराद पूरी होने पर माता रानी का जागरण करवाते है। इस तरह के मुस्लिमों के बारे कन्हैया मित्तल क्या सोचते हैं?।

लोग श्री गणेश और माता रानी की फोटो देते गिफ्ट

सलीम ने कहा कि हिन्दू भाईचारा उनसे इतना प्यार करता है कि उनके जन्मदिन या किसी अन्य कार्यक्रम में उन्हें श्री गणेश जी या मां शेरावाली की फोटो गिफ्ट में देते हैं। उन्होंने अपने घर मंदिर बनाया हुआ है। वह रोजाना पूजा पाठ करते हैं। वह सभी धर्मों का सम्मान करते है। कलाकार किसी एक धर्म का नहीं है।

सलीम बोले- माता रानी को दिल से मानते है

सलीम ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास अधिकार नहीं है जो हमारे दिल से माता रानी को निकाल सके। हम दिल से माता रानी को मानते है। आज हमारा देश चांद पर पहुंच गया है, लेकिन कन्हैया मित्तल हिन्दू-मुस्लिमों पर फंसे है। जो गायक हर समय श्री राम के भजन गाते है उनके दिल में मिठास होनी चाहिए न कि नफरत। सभी धर्म प्यार का संदेश देते है।

डल पूजा और श्री गणेश आवाहन करते है महंत

मास्टर सलीम ने कहा कि कन्हैया मित्तल ने जो डल पूजा हिंदुओं के हाथों होने की बात कही तो तो डल पूजा और श्री गणेश जी का आवाहन महंत जी करते है। गायकों को सिर्फ जागरण के बीच 2 घंटे का समय गाने के लिए मिलता है।

लोगों को जोड़ें नफरत न फैलाएं

मास्टर सलीम ने कहा कि भजन गायक कन्हैया मित्तल उनके छोटे भाई हैं वह उनके घर तक गए हैं। लेकिन मेरी उन्हें एक ही सलाह है कि धार्मिक मंच पर वह लोगों को जोड़ने का काम करने न कि धर्म के नाम पर नफरत फैलाएं। मास्टर सलीम ने कहा कि आज जो कुछ भी उनके पास है वह भोले शंकर जी और माता रानी का दिया हुआ है।

वह सिर्फ बाहर ही माता का जागरण नहीं करते बल्कि अपने घर पर भी माता जगराता करवाते हैं। उनके घर पर भी रोज माता की ज्योत जलती है। श्री कृष्ण का भजन होता है। उन्होंने कन्हैया मित्तल को कहा कि गायक हैं तो सुर लगाते हैं। सुर का मतलब होता है देवता जो सबका कल्याण करते हैं। देवताओं वाले काम करने चाहिए नफरत नहीं फैलानी चाहिए।

पहले भी कन्हैया मित्तल को दे चुके हैं सलाह

मास्टर सलीम ने कहा कि इससे पहले भी भजन गायक कन्हैया मित्तल को सलाह दे चुके हैं कि मंच पर नफरत फैलाने वाली बातें न किया करें। उन्होंने कहा कि वह एक बार उनके घर स्टूडियो में गए थे। उन्हें वहां पर श्री कृष्ण का भजन भी सुनाया था। जब उनके दफ्तर से बाहर निकले तो सीढ़ियां उतरते समय उनसे कहा था कि वह मंच से हिंदू-मुस्लिम करके नफरत वाली बातें न किया करें।वह भगवान राम के भजन गाते हैं तो उनका दिल तो प्यार-मोहब्बत से भरा हुआ होना चाहिए। मास्टर सलीम ने दरगाह पर गाए जाने के एक सवाल पर कहा कि बाबा मुराद शाह के उर्स में उन्होंने भोले नाथ का भजन गाया था। बाबा उन्हें जय माता दी कहकर संबोधन करते थे। उन्होंने कहा कि माता रानी सबकी सांझी है। यदि कन्हैया मित्तल को किसी दरगाह पर गाने का शौक है तो वह भी गाएं उन्हें किसने रोका है।

बांके बिहारी के दरबार में तो उन्हें किसी ने नहीं रोका

मास्टर सलीम ने कहा कि उन्होंने भगवान श्री कृष्ण पर भजन गाए हैं। वह गीतों की कैसेट वृंदावन बांके बिहारी जी के चरणों में अर्पित करते आए थे। वहां पर तो उनके मुस्लिम होने पर किसी न कोई सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा तो फिर कन्हैया कौन होते हैं। उन्होंने कहा कि एक कलाकार जाति-पाति, धर्म रंगभेद से उपर होता है। कलाकार का कोई जाति-मजहब धर्म नहीं होता वह सिर्फ मोहब्बत बांटता है।

हिंदू नेता के साथ सलीम के पीए की बहस भी हुई वायरल

जागरण को लेकर सोशल मीडिया पर मास्टर सलीम के पीए की एक ऑडियो भी खूब वायरल हो रही है। इसमें लुधियाना का एक हिंदू नेता प्रवीण डांग मास्टर सलीम से पहले जागरण का रेट पूछता है। इस वह कहता है कि ढाई लाख लगेंगे। इसमें आने-जाने औऱ साउंड सिस्टम का खर्च शामिल है। लेकिन बाद में वह कहता है कि पैसे् कम कर लो। इस पीए कहता है कि कोई बात नहीं बारगेन कर लेंगें।लेकिन बाद में हिंदू नेता कहता है कि 50 हजार में जागरण कर दो। इस पीए कहता है कि इतने में नहीं हो सकता। क्यों साथ में इतने लोग आते हैं उन्हें भी पैसे देने पड़ते हैं। पीए कहता है कि उनका तो कर्म ही यही है। इसी से उनका परिवार चलता है। लेकिन हिंदू नेता बाद में फिर से फोन करके कहता है कि अभी मास्टर सलीम ने एक स्टेटमेंट दी थी कि वह माता चिंतपूर्णी में माथा टेकने गया था तो एक पंडित ने उसे कहा कि बापू मुराद शाह ठीक है।

इस पर पीए कहता है कि उसे नहीं मालूम। लेकिन हिंदू नेता कहता है कि वह प्रतिनिधिमंडल लेकर चिन्तपूर्णी में जाएंगे और पता लगाएंगे कि किस पंडित ने उनसे ऐसा कहा। इसके बाद वह मास्टर सलीम के खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे। जब पीए कहता है कि आफ धमकी दे रहे हैं तो हिंदू नेता कहता है कि यह धमकी नहीं है। फिर कहता है कि मास्टर सलीम कैसे जागरण करता है उसमें वह मूसेवाला का 295 गाना सुनाता है। इस पीए ने कहा कि इस पर वह माफी मांग चुके हैं। लेकिन हिंदू नेता कहता है कि ऐसा काम ही क्यों करते हो कि बाद में माफी मांगनी पड़े।

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