
चिंतपूर्णी: धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में 17 से 25 अगस्त तक होने वाले सावन अष्टमी मेलों को लेकर डी.सी. राघव शर्मा की अध्यक्षता में बाबा माई दास सदन में बैठक का आयोजन किया गया। गगरेट के नजदीक आशा देवी मंदिर से शीतला मंदिर तक मेला क्षेत्र को 7 सैक्टरों में बांटा गया है।
मेले में धारा 144 लागू रहेगी। मेले में अस्त्र-शस्त्र ले जाने और ढोल-नगाड़े बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। मेले में 1600 पुलिस कर्मचारी तथा होमगार्ड के जवान व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे। डी.सी. ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नारियल मंदिर में ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। मेले में लंगर संस्थाओं को 20,000 रुपए सिक्योरिटी के तौर पर जमा करवाने होंगे।
लंगर लगाने वाली संस्थाओं को भरवाईं से गगरेट तक लंगर की अनुमति एस.डी.एम. द्वारा दी जाएगी वहीं भरवाईं से शीतला मंदिर तक लंगर लगाने के लिए मंदिर न्यास चिंतपूर्णी से अनुमति लेनी होगी।मेले में 500 श्रद्धालुओं के ही पास बनाकर लिफ्ट से जाने की अनुमति होगी। यदि भीड़ अधिक हुई तो पास बनाने में कटौती भी की जा सकती है ताकि लाइन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
अब मंदिर में आम आदमी भी बनेगा VIP, 1100 रुपए चुकाने पर होंगे विशेष दर्शन…
VIP Darshan Chintpurni Temple: यूं तो भगवान के मंदिर में सभी को एक समान तौर पर देखा जाना चाहिए। लेकिन, हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में वीआईपी दर्शन की शुरुआत हुई है।हालांकि पहले भी वीआईपी दर्शन होते रहे हैं, लेकिन अब आम लोग भी वीआईपी बनकर दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए भक्तों को 1 हजार 100 रुपए की पर्ची कटवानी होगी। एक पर्ची पर पांच भक्त दर्शन के लिए जा सकेंगे।मंदिर कमेटी का कहना है कि इससे ट्रस्ट की आय बढ़ेगी।
यह है नई व्यवस्था
नई व्यवस्था के तहत कथित वीआईपी श्रद्धालुओं को 1 हजार 100 रुपए की पर्ची कटानी होगी. इसमें पांच श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी भर सकेंगे। इसके अलावा दूसरी कैटेगरी में 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को एक अटेंडेंट के साथ 50 रुपये देने होंगे। तीसरी कैटेगरी में दिव्यांगों को एक अटेंडेंट के साथ 50 रुपये देने होंगे, जबकि चौथी कैटेगरी में मंत्री, विधायकों और सांसदों के वीआईपी लिए दर्शन करना नि:शुल्क होगा।
वेटिंग हॉल में बैठने की भी व्यवस्था
एक दिन में सिर्फ 500 पास बनाकर वीआईपी दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि पंक्ति व्यवस्था प्रभावित न हो। इसके अलावा कथित वीआईपी श्रद्धालुओं को मंदिर न्यास की ओर से बाबा श्री माई दास सदन में बने वेटिंग हॉल में बैठने की व्यवस्था की गई है और वहां से इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट के माध्यम से मंदिर की लिफ्ट तक ले जाया जाएगा और वहां लिफ्ट के माध्यम से दर्शन करवाएं जाएंगे।
भाजपा ने खड़े किए सवाल
वहीं, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस फैसले की आलोचना की है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में कभी भी दर्शन के लिए इस तरह पैसे वसूलने की परंपरा नहीं है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जहां सरकार को वीआईपी कल्चर खत्म करने के बारे में विचार करना चाहिए।वहां, इस तरह के फैसले लेकर वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने का काम हो रहा है। जयराम सरकार में उद्योग मंत्री रहे बिक्रम सिंह ठाकुर ने भी इस फैसले को पूरी तरह गलत करार दिया है।