
जालंधर,21 अगस्तः महाराष्ट्र के डिस्ट्रिक्ट अनियन एसोसिएशन सहित एमपी,भावनगर गुजरात ने भी अनिश्चितकाल के लिए प्याज की मंडीयों को बंद करने की घोषणा कर दी है। देश की प्रमुख मंडीयां बंद होने से पूरे देश में प्याज की सप्लाई वाधित होने के कारण प्याज के भाव आसमानी होने की संभावना है।कारोबारियों अनुसार केंद्र सरकार ने प्याज सस्ता करने के लिए एक साथ दो दाव चल दिए है। पहले एक्सपोर्ट डयूटी 40 प्रतिशत करी व फिर अब सहकारी ऐजंसी भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के जरिए रियायती दर पर प्याज बेचने का एलान कर दिया। इन दोनो फैसलो की बजह से किसान व प्याज व्यापारी वर्ग दोनो केंद्र सरकार से बहूत नाराज है। नासिक न सिर्फ देश का सबसे बड्रा प्याज उत्पादक जिला है बल्कि यहीं से सबसे ज्यादा प्याज एक्सपोर्ट भी होता है।
व्यापारियों को मिला किसानों का समर्थन..
व्यापारियों के इस संगठन को सभी किसानो ने भी समर्थन दे दिया है क्योकि सरकार के इन दोनों फैसलों से किसानों व व्यापारियों को अधिक नुक्सान पहूंच रहा है।बताया गया है कि कुछ जगहों पर किसानों ने रास्ते रोकने के भी प्लान बना लिए है।नासिक प्याज व्यापारियों अनुसार सरकार द्वारा लिए गये फैसले किसानो व व्यापारियों के लिए नुक्सानदेह है इसलिए सोमवार से मंडीयों को बंद रखने का फैसला किया गया है।अगर कोई किसान प्याज लेकर आएगा तो उसकी नीलामी की जाएगी व किसान का नुक्सान नही होने दिया जाएगा लेकिन व्यापारियों की तरफ से मंडीयां बंद रहेंगी।किसानों व व्यापारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह किसानों के हित की जगह केवल उपभोक्ताओं के हित को देख रही है।
गुस्से में है किसान
किसानों अनुसार पिछले दो साल से किसानों को लागत से भी कम भाव मिल रहा था तब सरकार कहां थी व वह किसानों की मदद के लिए क्यों नहीं आई ?
महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है जिसकी देश के कुल प्याज उत्पादन में हिस्सेदारी करीब 42 प्रतिशत है। किसानों ने नासिक जिला कृषि अधीक्षक के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया है।
सरकार के दोनो फैसलों से क्यु खफा है किसान..
सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट पर डयूटी लगाने का जो फैसला लिया है उससे एक्सपोर्ट का दाम महंगा हो जाएगा और दूसरे देश हमसे खरीदना बंद कर देंगे।इससे घरेलू मार्किट में उपलब्धता अच्छी होगी दाम कम होंगे लेकिन किसानों को नुक्सान हो जाएगा।बड़ी मुश्किल से किसानों को दो साल बाद प्याज का अच्छा दाम मिलना शुरू हुआ था लेकिन सरकार ने उसे काबू में करने का दाव चल दिया। दूसरा फैसला एनसीसीएफ के माध्यम से 25 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से प्याज बेचने का है।इससे मार्किट में दाम कम करने का दबाब पड़ेगा।लेकिन अच्छे भाव के इंतजार में बैठे किसानों को इससे झटका लगेगा।
एक्सपोर्ट डयूटी के लिए जिम्मेदार कौन ?
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के फैसले के लिए नासिक जिले के कृषि बिभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार तक गल्त जानकारी पहूंचाने बाले अधिकारियों का गढ़चिरौली जिले में तबादला किया जाना चाहिए। अगले दो दिनों में नासिक जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होने कहा कि पिछले दो साल से किसानों को कभी एक रूपये कभी दो रूपये कभी आठ रूपये तक का दाम मिल रहा है जबकि लागत इससे ज्यादा है। इस घाटे की भरपाई केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया।अब दाम थोड़ा सा क्या बढ़ा कि उसे घटाने के लिए पूरी मशीनरी लगा दी।
अफगानिस्तान प्याज की आमद से स्थिर रहेंगे प्याज के भाव
प्याज कारोबारी सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार अफगानिस्तानी प्याज भी कुछ दिनो मे देश की मंडीयों मे दस्तक दे सकता है व अगर अफगानिस्तानी प्याज की आगामी सप्ताह से पूर्व मंडी में आमद शुरू होती है तो प्याज के दामों में अत्यधिक कमी आने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।