
पंजाब में नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने चंडीगढ़ के पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इनका ऐलान किया। उन्होंने बताया कि पंजाब के 5 जिलों में निकाय चुनाव होने जा रहे हैं।इनमें अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा और पटियाला शामिल हैं। इनमें 9 दिसंबर यानी कल से नॉमिनेशन शुरू हो जाएंगे। नामांकन की प्रक्रिया 13 दिसंबर तक चलेगी। इसके बाद 14 दिसंबर को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। वहीं, 21 दिसंबर को वोटिंग होगी। उसी दिन शाम को चुनावों का रिजल्ट घोषित किया जाएगा।चुनाव आयोग ने इस बार चुनावों की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं। चुनाव आयुक्त के अनुसार, इस बार निकाय चुनाव EVM से होंगे। साथ ही वोटिंग भी 1 घंटे पहले शुरू हो जाएगी।
EVM से होगा मतदान, सूचियां रिवीजन के लिए भेजी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने बताया कि आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार चुनाव EVM से होना है, इसलिए मशीनों को तैयार किया जाना है। आयोग ने लेटेस्ट मशीनें खरीदी हैं।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट आज से शुरू होगा। वोटर सूचियां रिवीजन के लिए भेज दी गई हैं। 7 दिसंबर को लेटेस्ट प्रकाशन हो चुका है।
5 शहरों में वोटिंग, 1 घंटे पहले मतदान शुरू होगा
चुनाव आयुक्त ने कहा कि अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा और पटियाला में निगम चुनाव हो रहे हैं। इन 5 शहरों में 37 लाख 32 हजार वोटर हैं। इनमें 19.50 लाख मेल, और 17 लाख फीमेल वोटर्स हैं। पोलिंग का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। पहले वोटिंग 8 से 4 बजे तक होती थी, लेकिन इस बार 1 घंटा अधिक रखा गया है।
चुनाव के बाद नगर निगम में 381 सदस्य चुने जाएंगे। वहीं, म्यूनिसिपल काउंसिलों में 598 सदस्य चुने जाएंगे। लॉ एंड ऑर्डर के लिए भी पूरी तैयारी की जा रही है। सिंगल पोलिंग स्टेशन पर 3 पर्सन होंगे। अगर 2 पोलिंग स्टेशन हैं तो 2 अधिकारी वहां तैनात किए जाएंगे।
आयुक्त ने बताया है कि चुनावों के दौरान आर्म्स एंड एम्युनेशन के लिए हिदायत कर दी गई है कि अब से लेकर चुनाव प्रोसेस होने तक आर्म्स लेकर चलना मना होगा। ये आदेश भेज दिए गए हैं। DC कार्यालयों को आदेश दिया गया है कि हथियार जमा करवाने का निर्णय अपने स्तर पर लें।
चुनाव खर्च की लिमिट तय, 1 महीने में देना होगा ब्योरा
आयोग ने इस बार निकाय चुनावों के दौरान किए जा सकने वाले खर्च की सीमा भी तय कर दी है। इसके तहत नगर निगम के लिए चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार 4 लाख रुपए तक खर्च कर सकेगा। इसी तरह म्यूनिसिपल काउंसिल क्लास 1 के लिए 3 लाख 60 हजार का खर्चा तय है।
म्यूनिसिपल काउंसिल में क्लास 2 के लिए 2 लाख 30 हजार और क्लास 3 के लिए 2 लाख की लिमिट होगी। हर उम्मीदवार को खर्च की डिटेल चुनाव खत्म होने के बाद 30 दिनों में जमा करवानी होगी। हर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में एक जनरल ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा।
चुनाव के दिन ही परिणाम
9 दिसंबर को पंजाब में चुनावों का नोटिफिकेशन जारी होगा। सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक नॉमिनेशन फाइल किए जा सकेंगे। 12 दिसंबर तक उम्मीदवार अपने नॉमिनेशन दाखिल कर सकते हैं। इसके साथ ही 13 दिसंबर को स्क्रूटनी कमेटी बैठेगी। 14 दिसंबर को नाम वापस लिए जा सकते हैं। साथ ही उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न बांट दिए जाएंगे।
इसके बाद 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव होंगे। शाम शाम 4 बजे तक वोटिंग चलेगी। इसके बाद मतगणना शुरू होगी। शाम को रिजल्ट भी घोषित कर दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि 3 दिसंबर को पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जानकारी साझा की थी कि निकाय चुनाव को लेकर 8 दिसंबर को घोषणा कर दी जाएगी।
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला
पंजाब में 5 नगर निगम और 43 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे।
राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे।
साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा। साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने केस का निपटारा कर दिया था।
शहीदी जोड़ मेले के दौरान चुनाव न करवाने की मांग
पंजाब के सभी राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग से मांग कर चुके हैं कि दिसंबर अंत में चुनाव न करवाए जाए, क्योंकि इस महीने के आखिर में शहीदी दिवस होता है। इस माह से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होती हैं। ऐसे में सभी चीजों का ध्यान रखा जाए। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया था।