
पंजाब के अमृतसर में सोमवार (28 अक्टूबर) को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का नया प्रधान चुन लिया गया है। एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी चौथी बार SGPC के प्रधान चुने गए।
धामी को 107 वोट मिले। वहीं बागी गुट की उम्मीदवार बीबी जागीर कौर को सिर्फ 33 वोट मिले।प्रधान बनते ही धामी ने RSS, भाजपा और कांग्रेस पर सिख मामलों में दखलअंदाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- इसमें आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं। इनकी तरफ से सिखों के मामले उलझाए जा रहे हैं। सिखों के मामलों को भटकाया जा रहा है।
बादल परिवार का SGPC पर 1990 के दशक से प्रभाव है। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल ने 1996 में SGPC अध्यक्ष का पद संभाला था। इसके बाद बादल परिवार का SGPC में प्रभाव बढ़ा। उनके करीबियों की नियुक्तियां शुरू हुईं।
2017 के विधानसभा चुनाव के बाद शिरोमणि अकाली दल (SAD) का प्रभाव राज्य में कम हो गया। हाल ही में पार्टी के नेताओं में फूट पड़ गई और उन्होंने अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पद से हटाने की मांग की। अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित किया। इसके बाद पार्टी ने 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव भी न लड़ने का फैसला किया।इस बार माना जा रहा था कि अकाली दल में फूट का SGPC चुनाव पर असर पड़ेगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। बागी गुट की बीबी जागीर कौर पर 2022 से भी कम वोट मिले। ऐसे में अकाली दल को उभरने का एक और मौका मिला है।
11 एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाए गए
रघुजीत सिंह विर्क को सीनियर मीत प्रधान नियुक्त किया गया है और शेर सिंह मंड को जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है। साथ ही 11 एग्जीक्यूटिव सदस्य भी बना दिए गए हैं, जिनमें बीबी हरजिंदर कौर, अमरीक सिंह, सुरजीत सिंह, परमजीत सिंह खालसा, सरदार सुरजीत सिंह गड़ी, बलदेव सिंह कैमपुर, दलजीत सिंह भिंडर, सुखप्रीत सिंह रोडे, रविंदर सिंह खालसा, जसवंत सिंह और परमजीत सिंह रायपुर शामिल हैं।
धामी ने दर्ज की एकतरफा जीत
एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर फिर वोट की मांग कर रहे थे। उनका ये दांव सही साबित हुआ है और उन्होंने 107 वोट लेकर एक बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में गोल्डन टेंपल में केंद्रीय सिख संग्रहालय में सिख शहीदों के चित्रों को जोड़ने जैसी पहल की थी। उन्होंने आरोप लगाए थे कि भाजपा और RSS सहित पंथ विरोधी ताकतें SGPC सदस्यों को प्रभावित करने और सिख संस्थानों पर अकाली दल के प्रभाव को कमजोर करने के लिए वित्तीय प्रलोभन का उपयोग कर रही हैं।
जागीर कौर हारी, मात्र 33 वोट मिले
प्रधान पद के चुनाव के लिए गोल्डन टेंपल स्थित तेजा सिंह समुंद्री हॉल में भी वोटिंग हुई थी। नतीजे सामने आए तो बीबी जागीर के पक्ष में केवल 33 वोट मिले हैं। बता दें कि बीबी जागीर कौर SGPC सदस्यों से पांच तख्तों के जत्थेदारों जैसे सिख संस्थानों और नेताओं के स्वतंत्र अधिकार को बहाल करने और बाहरी राजनीतिक प्रभाव को रोकने के लिए सुधारों का वादा कर रही थीं।
इसके साथ ही वे SGPC सदस्यों को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और धर्म प्रचार लहर जैसी पहल के माध्यम से सिख धार्मिक आउटरीच के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू करने का भी वादा कर रही थीं।
191 से घटकर 148 हुई सदस्यों की संख्या
SGPC में सदस्यों की संख्या 191 थी। जिनमें 170 पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से चुने जाते हैं, 15 सदस्य पूरे देश से नामित होते हैं, 6 सदस्यों में 5 तख्त साहिब के जत्थेदार और सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के प्रमुख ग्रंथी शामिल होते हैं। इनमें 30 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कई सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और कई पद छोड़ चुके हैं। जिनके बाद अब सदस्यों की संख्या तकरीबन 148 रह चुकी है।
2022 में एडवोकेट धामी को मिले थे 104 वोट
2022 SGPC चुनावों में भी एडवोकेट धामी और बीबी जागीर कौर आमने सामने थे। तब धामी को 104 वोट मिले थे, जबकि बीबी जागीर कौर को 45 वोट मिले थे। पिछले साल SGPC के कुल 151 सदस्यों में से 136 ने वोट डाले थे। जिनमें एडवोकेट धामी को 118 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी बाबा बलबीर सिंह घुनस को सिर्फ 17 वोट मिले।