
पंजाब में जालंधर के 2 भाइयों द्वारा गोइंदवाल साहिब में SHO की मारपीट से परेशान होकर उफनती ब्यास नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शिरोमणि अकाली दल ने भी इसे मुद्दा बना लिया है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले दिनों सुखबीर बादल की इस मामले पर टिप्पणी के बाद आज बिक्रम मजीठिया ने भी जालंधर में सरकार और प्रशासन की घेराबंदी की है।
जालंधर थाना डिवीजन नंबर 1 के एसएचओ नवदीप सिंह को लेकर बिक्रम मजीठिया ने कई सवाल दागे हैं। उन्होंने नवदीप की कोरोना काल के समय की एक पुरानी वीडियो फोटो पत्रकारों को दिखाते हुए कहा कि यह वही अहंकारी थानेदार है, जिसने एक गरीब की रेहड़ी से ठुड्डे मार कर सब्जी और फल गिरा दिए थे। उन्होंने कहा कि इसके एक नहीं कई ऐसे कारनामें हैं, जिसमें यह बदनाम रह चुका है।
SHO ने क्या लेकर लड़की का पक्ष नहीं सुना
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि लड़की, जिसने अपने ससुरालियों के खिलाफ शिकायत दी थी, उनकी बात को सुनने की बजाय SHO आरोपियों को ज्यादा तरजीह दे रहा था। जिन 2 भाइयों ने ब्यास में छलांग लगाई है, वह दोनों अपनी बहन की मदद के लिए थाने में गए हुए थे। लेकिन SHO ने दोनों पर ही जुल्म किए। उनकी पगड़ियां उतार कर धर्म की तौहीन की।
मजीठिया ने कहा कि इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि थाने में जिस जगह ले जाकर मानव ढिल्लों को पीटा गया, वहां पर सीसीटीवी कैमरा तक नहीं था। जबकि सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि थाने के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि SHO ने यह लड़के वालों से सेटिंग करके सुनियोजित षडयंत्र के तहत किया।