
श्री अकाल तख्त साहिब श्री अमृतसर साहिब में पिछले दिनों श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और पांच सिंह साहिबानों ने बैठक करके राज्य के सभी गुरुद्वारा साहिब में नीले और बसंती रंग के निशान साहिब लहराए जाने का आदेश किया।
इस पर अमल करते हुए गुरुद्वारा नौंवीं पातशाही दुख निवारण साहिब गुरु तेग बहादुर नगर में शुक्रवार को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के चरणों में अरदास करके नीले रंग के निशान साहिब लहराए गए।गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार जगजीत सिंह गाबा ने बताया कि समागम की शुरुआत अमृतवेले से पाठ से की गई। इसके बाद गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी जत्थे और गुरमत प्रचारकों ने अपनी हाजिरी लगवाई। भाई पवनप्रीत सिंह, भाई फतेह सिंह ने गुरबाणी के मनोहर कीर्तन से संगत को निहाल किया।कथा वाचक भाई सरबजीत सिंह ने निशान साहब के इतिहास से रूबरू करवाया। इस अवसर पर परमजीत सिंह पहलवान, मनजीत सिंह ठुकराल, कंवलजीत सिंह टोनी, गुरविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, दलजीत सिंह लैंडलार्ड, रविंदरजीत सिंह, दविंदर सिंह, जोगिंदर सिंह लायलपुरी, संतजोत सिंह, मनजीत सिंह, कमलजीत सिंह ओबरॉय व अन्य मौजूद थे।
निशान साहिब के इतिहास संबंधी पंथ के प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ. जसपाल वीर सिंह ने बताया कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के समय नीले रंग के निशान साहब लहराए जाते थे। इतिहास में कई स्थानों पर इसके बसंती रंग होने के भी प्रमाण मिलते हैं। यहां तक कि महाराजा रणजीत सिंह के काल में भी नीले रंग के ही निशान साहिब लहराए जाते थे। समय के बदलाव में कुछ संप्रदायों ने इसका रंग केसरी कर दिया।