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डेरा ब्यास मुखी ने उत्तराधिकारी घोषित किया:आज से ही गद्दी संभालेंगे; कैंसर-हृदय रोग से पीड़ित बाबा गुरिंदर ढिल्लों

पंजाब में अमृतसर के ब्यास में स्थित डेरा राधा स्वामी के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है।उन्होंने 45 वर्षीय जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी बनाया है।जसदीप सिंह गिल केमिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने पीएचडी भी की है।

 उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल को बतौर गुरू नाम देने का भी अधिकार होगा।गौरतलब है कि कुछ साल पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को कैंसर डिटेक्ट हुआ था। जिसका लंबा इलाज चला। वहीं गुरिंदर ढिल्लों हृदय रोग से भी पीड़ित हैं। डेरा ब्यास का काफी प्रभाव है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई बड़े नेता यहां आ चुके हैं।

सभी सेवादार-इंचार्जों को लेटर भेजा

इस संबंध में सभी सेवादार इंचार्जों को भेजे लेटर में कहा गया कि पूज्य संत सतगुरु एवं राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संरक्षक बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है। वे 2 सितंबरप, 2024 से तत्काल प्रभाव से संरक्षक के रूप में उनका स्थान लेंगे।

जसदीप सिंह गिल, राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे तथा उन्हें नाम दीक्षा देने का अधिकार होगा।

बाबा गुरिंदर ढिल्लो ने कहा कि जिस प्रकार हुजूर महाराज जी के बाद उन्हें संगत का भरपूर सहयोग व प्यार मिला है। उसी प्रकार उन्होंने यह भी इच्छा व अनुरोध किया है कि जसदीप सिंह गिल को भी संरक्षक व संत सतगुरु के रूप में उनकी सेवा निभाने में वही प्यार और स्नेह दिया जाए।

90 देशों में डेरे के केंद्र

राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरे की स्थापना बाबा जयमल सिंह ने 1891 में की थी। इसका उद्देश्य लोगों को धार्मिक संदेश देना है। यह संस्था दुनिया के 90 देशों में फैली हुई है, जिसमें USA, स्पेन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका समेत दूसरे कई देश शामिल हैं। डेरे के पास 4 हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। जिसमें करीब 48 एकड़ का लंगर हॉल है।

डेरे में श्रद्धालुओं के रहने के लिए सराय, गेस्ट होस्टल और शेड हैं। डेरे में लोगों के मुफ्त इलाज के लिए 3 अस्पताल भी बनवाए हैं। डेरे से 35 किलोमीटर के घेरे में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए मुफ्त सुविधा दी गई है।

1990 में 5वें डेरा प्रमुख बने थे गुरिंदर सिंह

बाबा गुरिंदर सिंह का जन्म 1954 में पंजाब के मोगा में हुआ। शुरुआती दौर की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में हुई। हायर स्टडी के लिए पंजाब आए और पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। वह 1990 में डेरे के 5वें उत्तराधिकारी बने थे। बाबा गुरिंदर सिंह के दो लड़के हैं गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरुकीरत सिंह ढिल्लों। गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों रेलिगेयर हेल्थ ट्रस्ट के CEO हैं।

उत्तराधिकारी घोषित करने का लेटर..

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