
पंजाब में अमृतसर के ब्यास में स्थित डेरा राधा स्वामी के मुखी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है।
उन्होंने 45 वर्षीय जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। इस ऐलान के बाद श्रद्धालु डेरे की तरफ रवाना होना शुरू हो गए। ये देख डेरे की तरफ से मैसेज भेजा गया कि अभी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ही डेरे के प्रमुख रहेंगे। जसदीप उनके साथ बैठेंगे।मैसेज में कहा गया कि संगत को डेरा ब्यास जाने की कोई जरूरत नहीं है। कोई समारोह नहीं हो रहा है।
कुछ साल पहले बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को कैंसर डिटेक्ट हुआ था। जिसका लंबा इलाज चला। इसके साथ वह हृदय रोग से भी पीड़ित हैं। डेरा ब्यास का काफी प्रभाव है। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई बड़े नेता यहां आ चुके हैं।
हरियाणा में डेरा जगमालवाली की गद्दी को लेकर विवाद हो चुका है। यहां डेरा प्रमुख ने निधन से पहले अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की। जिससे गद्दी को लेकर 2 गुट आमने-सामने हो गए थे। इसी से जोड़कर डेरा प्रमुख ढिल्लों की इस घोषणा को देखा जा रहा है।
सभी सेवादार इंचार्जों को लेटर भेजा
डेरे के नए मुखी को लेकर सभी सेवादार इंचार्जों को लेटर भेजा गया है। जिसमें लिखा कि पूज्य संत सतगुरु एवं राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संरक्षक बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के पुत्र जसदीप सिंह गिल को राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है। जसदीप सिंह गिल को नाम दीक्षा देने का अधिकार होगा।
बाबा गुरिंदर ढिल्लो ने कहा कि जिस प्रकार हुजूर महाराज जी के बाद उन्हें संगत का भरपूर सहयोग व प्यार मिला है। उसी प्रकार जसदीप सिंह गिल को भी वही प्यार और स्नेह दिया जाए।
डेरा जगमालवाली से डेरा ब्यास ने लिया सबक
बता दें कि सिरसा के डेरा जगमालवाली के प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब का 1 अगस्त को उपचार के दौरान निधन हो गया था। संत वकील साहब की ओर से उत्तराधिकारी को लेकर घोषणा नहीं की गई थी। जिसके बाद डेरे में गद्दी को लेकर विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया था कि डेरे में गोलियां तक चली। इन सब विवादों से सबक लेते हुए गुरिंदर सिंह ने पहले ही उत्तराधिकारी को लेकर औपचारिक घोषणा कर दी।
अब पढ़िए कौन हैं जसदीप सिंह गिल
जसदीप सिंह गिल ने फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला लिमिटेड के चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर और CEO के रूप में काम किया। उन्होंने 2019 में सिप्ला जॉइन की और 31 मई 2024 को पद छोड़ दिया था।
वह बोर्ड ऑब्जर्वर के रूप में एथ्रिस और अचिरा लैब्स प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े थे। मार्च 2024 तक वह वेल्थी थेरेप्यूटिक्स के बोर्ड सदस्य रहे। इससे पहले उन्होंने रैनबैक्सी में सीईओ के कार्यकारी सहायक के रूप में और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी एंटरप्रेन्योर्स में अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने IIT दिल्ली से बायो केमिकल इंजीनियरिंग और बायो टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त की।
1990 में 5वें डेरा प्रमुख बने गुरिंदर सिंह
बाबा गुरिंदर सिंह का जन्म 1954 में पंजाब के मोगा में हुआ। उन्होंने शुरुआती दौर की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में की। हायर स्टडी के लिए पंजाब आए और पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। वह 1990 में डेरे के 5वें उत्तराधिकारी बने। बाबा गुरिंदर सिंह के दो बेटे हैं गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरुकीरत सिंह ढिल्लों। गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों रेलिगेयर हेल्थ ट्रस्ट के CEO हैं।
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डेरा ब्यास से संगत हेतु जारी संदेश…
बाबा गुरिन्दर सिंह जी ढिल्लों RSSB के मौजूदा संत-सतगुरु हैं। बाबा जी की सेहत ठीक है। वे सत्संग और नामदान की बख़्शीश जारी रखेंगे।
हुज़ूर जसदीप सिंह जी गिल को 2 सितंबर 2024 से RSSB की सभी सोसाइटीज़ का Patron नियुक्त किया गया है। वे अब से Patron के सभी कार्य सँभालेंगे। यह गद्दीनशीन की योजना का हिस्सा है।
हुज़ूर जसदीप सिंह जी गिल भविष्य में RSSB के संत-सतगुरु के रूप में गद्दीनशीन होंगे और नामदान की बख़्शिश भी करेंगे। इस दौरान वे सभी निर्धारित सत्संगों और दूसरे सत्संगों में बाबा गुरिन्दर सिंह जी ढिल्लों की हज़ूरी में रहेंगे।
बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों पूरी तरह से स्वास्थ है।
इस हफ्ते डेरा ब्यास में होने वाले भंडारे से पहले शुक्रवार और शनिवार को सवाल-जवाब का कार्यक्रम होगा।
इसके अलावा किसी भी प्रकार का कोई भी आयोजन नहीं रखा गया है।
नए उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल उनके साथ बैठेंगे।
बाबा गुरिंदर सिंह के साथ वे अलग-अलग सत्संग घरों का दौरा भी करेंगे।
विदेश में होने वाले सभी सत्संग जसदीप सिंह गिल द्वारा किए जाएंगे।