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जगदीश भोला समेत 17 लोग को हुई सजा:इंटरनेशनल ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लांडरिंग केस में ईडी की अदालत ने सुनाया फैसला

6000 करोड़ रुपए की इंटरनेशनल ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की विशेष अदालत ने पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला समेत 17 लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। इसमें भोला की पत्नी व ससुर भी शामिल है। इस मौके ईडी के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि चार चार्जशीटों में फैसला आया है। जबकि तीन अभी भी शेष हैं।इस दौरान जगदीश भोला, मनप्रीत, सुखराज, सुखजीत सुखा, मनिंदर, दविंदर सिंह हैप्पी, अवतार सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है।

जबकि जगदीश भोला की पत्नी गुरप्रीत कौर, अवतार की पत्नी संदीप कौर, जगमिंदर कौर औलख, गुरमीत कौर, अरमजीत सिंह व भोला के ससुर दिलीप मान को 3-3 साल की सजा सुनाई है। वहीं, गुरप्रीत सिंह, सुभाष बजाज व अंकुर बजाज को 5-5 साल साल की सजा सुनाई है।इस मामले में कुल 23 आरोपी थे। इसमें से चार की मृत्यु हो चुकी है। भोला के पिता बलशिंदर भी केस में आरोपी थे, हालांकि उनकी मौत हो चुकी है। जबकि केस में 2 लोग पीओ है। हालांकि अभी तक इस मामले में डिटेल आर्डर नहीं आए है।

ड्रग मनी से बनाई 400 करोड़ की प्रॉपर्टी

इस मामले में ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह भी अदालत में पहुंचे हुए थे। उनकी अगुवाई में इस मामले की जांच हुई थी। उन्होंने बताया कि आज चार चार्जशीट में फैसला आया है। जांच के बाद दोषियों द्वारा नशे की आदमन से बनाई प्रॉपर्टी अटैच की थी। प्रॉपर्टी की मार्केट वेल्यू 400 करोड़ से अधिक थी। यह विभिन्न जगह पर आरोपियों ने बनाई थी। सारी प्रॉपर्टी को अटैच किया गया था। उन्होंने बताया कि कोविड समय डेढ़ साल में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

11 साल पहले सामने आया था मामला

यह मामला साल 2013 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला को गिरफ्तार किया था। तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। इस केस के सामने आने से पंजाब की राजनीति से लेकर खेल जगत में भूचाल आ गया था। वहीं, राज्य के कई नेताओं पर भी सवाल उठे थे। जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ का है। साल 2019 में इस मामले में सीबीआई की अदालत ने 25 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई थी।

करोड़ों की बनाई संपत्ति, नहीं भरा कोई टैक्स

ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला था कि इस केस में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बनाई हुई है। जबकि इन लोगों ने इनकम टैक्स तक नहीं भरा था। वहीं, उनकी आमदन से आय बहुत अधिक है। इससे साफ हो गया था कि उक्त लोग किसी अन्य कारोबार में शामिल थे। इसके बाद ईडी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी काे अटैच किया था। इसमें मोहाली से लेकर कई जगह आलीशान कोठियां, इंडस्ट्रियल प्लॉट व अन्य संपत्ति शामिल थी।

दोषी पाया गया तो फांसी दे देना

जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह का 24 जुलाई को देहांत हो गया था। इस दौरान जब भोला 26 जुलाई उनके अंतिम संस्कार में जेल से अपने गांव पहुंचे थे तो उनका कहना था कि उसे इस मामले में फंसाने के पीछे सरकारें हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में अगर में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाए। वह कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।

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