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चीन में कोरोना से हाहाकार… शव रखने की जगह नहीं:90 दिन में चीन की 60% आबादी कोरोना संक्रमित होगी, लाखों मौतों की आशंका

चीन में कोरोना से दस लाख मौत होने का अनुमान: अमेरिकी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में किया गया दावा, अप्रैल में आएगा पीक

चीन में कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद वहां संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद केसेस में भारी इजाफा हो रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। दवाएं नहीं हैं, जहां हैं भी वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है।बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं।

अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर चीन के चौंकाने वाले वीडियोज शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और मेडिकल स्टोर्स के हालात चिंताजनक दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना पर बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है।

अमेरिकी साइंटिस्ट बोले- सरकार की सोच, जो मरता है मरने दो

एरिक फेगल-डिंग ने चीन की सरकार को ही इसका जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी CCP यानी सरकार पर आरोप लगाया कि उसका लक्ष्य ही यही है कि जिसे संक्रमित होना है, हो जाए, जिसकी मृत्यु हो रही है, उसे मरने ही दिया जाए। जल्दी संक्रमण, जल्दी मौतें, जल्दी पीक… यानी सबकुछ जल्दी ही ठीक होगा। अस्पतालों, श्मशानों के सर्वे से तो यही जाहिर होता है, क्योंकि मौतों की संख्या में विस्फोट साफ दिखाई दे रहा है।

वैक्सीनेशन सिर्फ 38%, 65 पार वालों में सिर्फ 10%…इम्यूनिटी डेवलप नहीं हुई

 चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है। 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है। जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था। हालांकि चीन का दावा है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।

भारत में खतरा नहीं, क्योंकि वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं

“भारत जैसे देश को खतरा नहीं है, क्योंकि हमारे देश में वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब कोरोना का भारत में खतरा नहीं है।’

दुनिया में केस बढ़े, भारत में घट रहे

दुनियाभर में जहां कोरोना केस बढ़े हैं, वहीं भारत में एक्टिव मामलों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के मुताबिक 20 दिसंबर को सुबह 8 बजे तक की स्थिति में देश में कुल 3490 एक्टिव कोरोना केस बचे थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने 19 दिसंबर को संसद में बताया था कि भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ को पार कर चुका है। यह संख्या कोरोना की सभी उपलब्ध वैक्सीन की पहली, दूसरी और प्रिकॉशन डोज को मिलाकर है। देश में 18 जनवरी 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था।

अप्रैल 2023 में आएगा पीक, लाखों मौतों की आशंका

चीन में कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुई है। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने अनुमान लगाया है कि 2023 तक चीन में कोरोना के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी। ये अनुमान चीन में कोविड प्रतिबंधों के खात्मे के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं।

रिपोर्ट की मानें तो चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना मामलों का पीक आएगा। उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है। IHMI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मुर्रे के अनुसार अप्रैल तक चीन की एक तिहाई आबादी को कोरोना का संक्रमण हो चुका होगा।

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