
1 अगस्त 2023 : देवास जिले के नेमावर कस्बे में 35 परिवार के 190 सदस्यों ने सनातन धर्म में वापसी की।
31 जुलाई 2023 : खंडवा जिले के माधवगढ़ में आदिल पठान ने सनातन धर्म में वापसी की। नाम आदिल से आदित्य आर्य कर लिया।
16 जून 2023 : नरसिंहपुर के फाजिल खान ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम अमन राय कर लिया। इसके बाद प्रेमिका सोनाली से मंदिर में शादी की।
इस्लाम से सनातन धर्म में वापसी की कई खबरें आपने पढ़ी होंगी। मुसलमान से हिंदू बनने की ये प्रोसेस केवल एक से दो घंटे की है, लेकिन दस्तावेज में नाम बदलने में कई साल लग जाते हैं। मंदसौर के जफर को लोग भले ही उनके नए नाम चैतन्य से बुलाने लगे हैं, लेकिन हकीकत में अगर उन्हें मोबाइल की नई सिम खरीदनी हो तो चैतन्य नाम से नहीं मिल सकती। उन्हें सिम जफर के नाम से ही लेनी होगी। भले ही ये धर्म परिवर्तन के बाद हिंदू कहलाने लगे हैं। कानूनी रूप से उनका नाम जफर ही है।
कानूनी तौर पर ऐसे बदला जाता है नाम
चैतन्य की इस परेशानी के बाद हमने पता किया कि धर्म परिवर्तन के बाद रखे गए नए नाम को कानूनी तौर पर कैसे बदला जाता है। हमने गजट ऑफिस भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी लॉरेंस रॉबर्ट, रिटायर्ड अफसर पदम सिंह और धर्मांतरण मामलों के एक्सपर्ट वकील मनोज विश्वकर्मा से बात की। इन्होंने धर्मांतरण के बाद या अन्य किसी वजह से बदले गए नाम को कानूनी तौर पर दस्तावेज में बदलने प्रक्रिया बताई। आइए स्टेप बाय स्टेप समझते हैं कैसे दस्तावेज में बदला जाता है नाम।
पहला स्टेप
नाम बदलवाने के लिए सबसे पहले धारा 10 के तहत अपने मूल निवासी जिले या उस जगह जहां उसके धर्म परिवर्तन का वैदिक कार्यक्रम हुआ है, उस जिले के कलेक्टर को एक आवेदन सौंपना होगा।
दूसरा स्टेप
मध्यप्रदेश सरकार के राजपत्र में एक प्रारूप है। उसी प्रारूप में आवेदन देना होता है।
तीसरा स्टेप
आवेदन के बाद 60 दिन का समय दिया जाता है। 60 दिन बाद वो आवेदक को लिखकर देते हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत इस तरह का आवेदन प्राप्त हुआ।
चौथा स्टेप
इसके बाद आवेदक को 2 शपथपत्र तैयार कराने होते हैं। एक फाइल के तौर पर तैयार करना होता है। इन शपथ पत्रों में 50-50 रुपए के स्टॉम्प बिल लगते हैं। नोटरी होती है। उन शपथ पत्रों को गजट ऑफिसर्स से सत्यापित कराना होता है।
पांचवां स्टेप
इसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड समेत पहचान के तमाम डॉक्युमेंट लगाने होते हैं। इस शपथ पत्र में दो स्थानीय न्यूज पेपर में छपी प्रेस विज्ञप्ति लगानी होती है, जिसमें ये लिखा हो कि आपने धर्म परिवर्तन किया है। पहले आपका नाम क्या था और अब आपका नाम क्या है।
छठा स्टेप
पूरी फाइल तैयार होने के बाद आवेदक को भोपाल गजट ऑफिस जाना होता है। गजट ऑफिस में मध्यप्रदेश के राजपत्र के भाग 3 में दिए गए प्रारूप के अंतर्गत कलेक्टर के आदेश के साथ आवेदक के समस्त दस्तावेज संलग्न किए जाते हैं। इसके बाद नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू होती है। फाइल जमा होने के ज्यादा से ज्यादा 15 दिन के भीतर आवेदक को अपने नाम परिवर्तन की कॉपी मिल जाती है। कुछ इंपोर्टेंट केसेस में काम एक हफ्ते में भी हो जाता है।
सातवां स्टेप
इसके बाद आवेदक आधार केंद्र जाता है। गजट ऑफिस की कॉपी दिखाकर आधार में अपना नाम बदलवा सकता है। आधार में नाम बदलवाने के बाद आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, बैंक अकाउंट समेत सभी दस्तावेज में अपना नाम बदलवा सकते हैं।