
नई दिल्ली, शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ईडी की गिरफ्तारी का मामला अभी चल ही रहा था कि इसी बीच सीबीआई भी कूद पड़ी. ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के चक्कर और ईडी-सीबीआई के जवाब देते देते मुख्यमंत्री खुद भी परेशान नजर आए. बुधवार को जब सीबीआई ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, तो ये परेशानी उनके चेहरे पर साफ-साफ नजर आई.
मुख्यमंत्री को जब राउज एवेन्यू कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो वे हरी टीशर्ट में नजर आए. आगे और पीछे बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान थे, तो पीछे उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल साये की तरह खड़ी नजर आईं. वो बार-बार केजरीवाल पर नजर बनाए हुए थीं. इस दौरान केजरीवाल के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी. उनके बिखरे बाल, चेहरे पर मायूसी नजर आई. इतना ही नहीं, देर रात में जब केजरीवाल को सीबीआई दफ्तर ले जाया गया, तब भी सुनीता केजरीवाल उनके साथ मौजूद थीं. तब भी वो सीबीआई दफ्तर पहुंच गई थीं.
जब तबीयत हो गई नासाज
राउज एवेन्यू कोर्ट में एक वक्त ऐसा भी आया, जब उनकी तबीयत नासाज हो गई. सुनवाई शुरू होते ही भारी भीड़ और गर्मी की वजह से वे बेहाल नजर आए. CM ने खुद अदालत से कहा कि उन्हें लग रहा कि उनका शुगर लेवल कम हो रहा है. क्या वो कुछ खा-पी सकते हैं. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को तुरंत उन्हें दूसरे कमरे में ले जाने और कुछ खाने पीने का इंतजाम करने का निर्देश दिया. बाद में केजरीवाल फिर सुनवाई में शामिल हो गए. देर शाम तक वे कोर्ट में ही रहे. बाद में उन्हें सीधे सीबीआई दफ्तर लेकर जाया गया. जहां उनसे पूछताछ भी की गई. सीबीआई दिल्ली शराब घोटाले में आपराधिक साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
पत्नी सुनीता केजरीवाल ने क्या कहा
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा, 20 जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली. तुरंत ED ने स्टे लगवा लिया. अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया. और आज गिरफ्तार कर लिया. पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये. ये कानून नहीं है. ये तानाशाही है, इमरजेंसी है. आम आदमी पार्टी का कहना है, सीबीआई ने पूरी कोशिश की क्योंकि कोई केस नहीं है, वो प्लांट करना चाहते थे. कुछ खबरें और इसे सनसनीखेज बनाएं. सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि ये 50 हजार दस्तावेज 2 साल से सीबीआई के पास हैं, उन्होंने कभी अरविंद केजरीवाल को बुलाया ही नहीं. गवाह से आरोपी कब बन गए?