
तस्वीर देखिए…
जिसमें अमेरिका से डिपोर्ट होकर आया सिख युवक अमृतसर एयरपोर्ट पर बिना पगड़ी पहने जा रहा है। वह शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट हुए 116 भारतीयों वाले बैच में शामिल था। उसकी नंगे सिर फोटो वायरल हुई। तो सब ये जानना चाहते थे कि ये युवक कौन है और उसने पगड़ी क्यों नहीं पहनी…।
युवक का नाम मंदीप सिंह है। वह अमृतसर का रहने वाला है। भारतीय सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद उसके बदले मिली रकम और पत्नी के गहने बेच वह डंकी रूट से अमेरिका गया। जहां अमेरिकी सैनिकों ने उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उसकी दाढ़ी और सिर के बाल भी काट दिए गए।
इसके बाद जब डिपोर्ट किया गया तो हाथ-पैरों में हथकड़ी और बेड़ियां डाल दी गईं। खाने को सिर्फ सेब, चिप्स और फ्रूटी दी गई। कुछ नहीं खाया कि कहीं बाथरूम न जाने दें या फिर वहां पानी न हो। 30 घंटे सिर्फ पानी पीकर गुजारा किया।
1. सेना से रिटायरमेंट के बाद अमेरिका गया
मंदीप सिंह ने बताया कि वह भारतीय सेना में था। वहां से 17 साल की सर्विस के बाद उसने रिटायरमेंट ले ली। घर पर वह खाली बैठा था। इसलिए उसने मन बनाया कि विदेश जाकर जिंदगी को और बेहतर बनाऊं। इसके लिए ट्रैवल एजेंटों से बातचीत की। एजेंट ने कहा कि 40 लाख रुपए लगेंगे। वह उसे अमेरिका भेज देगा।
2. रिटायरमेंट पर मिली रकम, पत्नी के गहने बेच एजेंट को रुपए दिए
मंदीप ने आगे बताया कि उसे सेना से रिटायरमेंट के बाद 35 लाख रुपए मिले थे। मैंने वह एजेंट को दे दिए। बाकी 5 लाख का इंतजाम करने के लिए पत्नी के गहने बेच दिए। इसके बाद एजेंट की 40 लाख की डिमांड पूरी कर दी। इसके बाद एजेंट ने 14 लाख रुपए और देने को कहा। मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो एजेंट ने भेजने से इनकार दिया। इसके बाद एजेंट को खाली चेक दिए और कर्ज लेकर 14 लाख का इंतजाम किया।
3. पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका पहुंचा
इसके बाद पिछले साल 13 अगस्त को मैं घर से अमेरिका जाने के लिए निकला। ट्रैवल एजेंट ने पहले मुझे अमृतसर से दिल्ली बुलाया। फिर दिल्ली से मुंबई, केन्या, डकार, एम्स्टर्डम होते हुए सूरीनाम पहुंचा। यहां तक फ्लाइट में पहुंचा। इसके बाद गाड़ियां या फिर पैदल सूरीनाम से गुयाना, बोलिविया, पेरू, ब्राजील, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका तक का रास्ता तय किया।
4. कारों में छिपे, 4 दिन जंगलों में भटके, 70 दिन सिर्फ मैगी खाई
मंदीप ने कहा- अमेरिका जाने के लिए कभी कारों में छिपा तो कभी चार-चार दिन जंगलों में भटकता रहा। डोंकरों ने मुझे और साथियों को नाव में बैठाकर 30 फीट ऊंची लहरों के बीच छोड़ दिया गया। किसी तरह हमने अपनी जान बचाई। रास्ते में 70 से ज्यादा दिन तो सिर्फ मैगी खाकर गुजारा किया।
5. सेना ने पकड़ते ही पगड़ी फेंकी, दाढ़ी–सिर के बाल काटे
मंदीप ने कहा- जैसे ही वह मेक्सिको की दीवार फांदकर अमेरिका में घुसा तो वहां की सेना ने पकड़ लिया। उन्होंने सारे कपड़े उतारने को कहा। मैंने सिख होने की वजह से इनका धार्मिक महत्व बताते हुए ऐसा न करने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी कोई बात नहीं सुनी।
इस पर उन्होंने मेरी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। मेरी दाढ़ी और सिर के बाल काटकर छोटे कर दिए। वहां हमें सिर्फ पायजामा, शर्ट, जुराब और जूते पहनने की परमिशन थी। जूतों से शूलेस भी उतार दिए गए। जब मेरे समेत बाकी सिख युवकों ने पगड़ी लौटाने को कहा तो अमेरिकी सैनिकों ने कहा कि अगर किसी ने इससे खुद को फंदा लगा दिया तो जिम्मेदार कौन होगा?
6. गिरफ्तार कर कैंप में रखा, बेड़ियां–हथकड़ियां पहना डिपोर्ट किया
गिरफ्तारी के बाद हमें कैंप में रख दिया गया। इसके बाद जब डिपोर्ट होने की बारी आई तो पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ियां लगाईं गईं। इसके बाद नंगे सिर ही वहां से निकाला गया। फिर हमें अमेरिकी सेना के विमान में बैठा दिया गया। जहां सभी पुरुषों के हथकड़ी और बेड़ियां लगी हुईं थी।
7. हमने सेब-चिप्स नहीं खाए कि कहीं बाथरूम न जाने दें
मंदीप ने बताया- 30 घंटे के हवाई सफर में हमें खाने के लिए सिर्फ एक फ्रूटी, एक सेब और चिप्स का पैकेट दिया गया। हमने सेब और चिप्स नहीं खाया। हमें डर था कि कहीं वह टॉयलेट न जाने दें या फिर वहां पानी न हो। इस वजह से सिर्फ पानी पीते रहे। जब हमने टॉयलेट जाने को कहा तो उन्होंने हमारी सिर्फ एक हाथ की हथकड़ी खोली।