
अमेरिका ने बुधवार को नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को जबरन डिपोर्ट कर दिया। अमेरिकी एयरफोर्स का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर इन्हें लेकर दोपहर करीब 2 बजे अमृतसर में एयरफोर्स के एयरबेस पर उतरा। इनमें पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। इनके कुछ परिवार और 8-10 साल के बच्चे भी शामिल थे।अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों का वैरिफिकेशन किया गया। यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। करीब साढ़े 3 घंटे बाद US एयरफोर्स विमान वापस लौट गया। जिसके बाद पंजाब के डिपोर्ट किए लोगों को पुलिस की गाड़ियों में उनके घर भेज दिया गया। हालांकि हरियाणा, गुजरात, UP, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के लोगों की वापसी अभी होनी बाकी है।
इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इन्हें भारत भेजा जाएगा। 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे।
अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट के अनुसार 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीय डिपोर्ट होंगे। ट्रम्प ने ये कार्रवाई ऐसे समय की है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिन की यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं। 13 फरवरी को पीएम की ट्रम्प के साथ वार्ता प्रस्तावित है।
वहीं पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अमृतसर एयरपोर्ट जाकर पंजाब के डिपोर्ट लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने कहा- PM नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनके दोस्त हैं। वे उनका प्रचार भी करने गए थे। वे ट्रम्प से मिलकर इसका हल निकालें।
ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च
यूएस मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के मुताबिक, 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया।
ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। ये चार्टर्ड उड़ान से लगभग छह गुना ज्यादा है।
ट्रम्प ने हथकड़ी लगवाकर मिलिट्री प्लेन से भेजे 104 भारतीय, 35 घंटे का सफर और एक टॉयलेट; क्या इसमें भारत सरकार शामिल है?
भारत में 4 फरवरी की सुबह 3 बज रहे थे, तब अमेरिका के टेक्सास के सैन एंटोनियो से एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट उड़ान भर रहा था। इस C-17 विमान में अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय सवार थे। इन्हें अमृतसर के लिए रवाना किया गया। ये अप्रवासी आज दोपहर तक श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचें।
भारतीय समय के मुताबिक 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से 104 भारतीय अवैध अप्रवासियों को भारत रवाना किया। यह पहली बार है जब अमेरिका अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल कर रहा है। 5 फरवरी को दोपहर 2 बजे अमेरिकी मिलिट्री का सी-17 एयरक्राफ्ट भारतीय अवैध अप्रवासियों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। इसे भारत पहुंचने में करीब 35 घंटे का समय लगा।
ट्रम्प अवैध अप्रवासियों को एलियन और अपराधी कहते आए हैं, जिन्होंने अमेरिका पर हमला किया। इस वजह से ट्रम्प ने अवैध अप्रवासियों को चार्टर्ड फ्लाइट की जगह सैन्य विमान से डिपोर्ट किया। इन लोगों के हाथ में हथकड़ी और बेड़ियां लगीं हुईं थीं। इतना ही नहीं, इस फ्लाइट में 104 लोगों के लिए सिर्फ 1 टॉयलेट है।हालांकि अमेरिका ने कुल 205 भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इसी बीच 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे।
अमृतसर एयरपोर्ट पर लाए गए 104 लोगों में हरियाणा और गुजरात के 33-33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2 लोग शामिल हैं। इनमें कुछ परिवार भी हैं। इसके अलावा 8–10 साल के बच्चे भी शामिल हैं। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लोगों को बाई रोड घर भेजा जाएगा। गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लोगों को बाई एयर ही आगे भेजा जा सकता है।