
अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल के बाल रोग विभाग में स्टाफ की लापरवाही से दाखिल ढाई महीने के बच्चे की इलाज न होने के कारण मौत हो गई। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चा जब बीमारी व दर्द से तड़प रहा था तो स्टाफ नर्स एक-दूसरे पर बच्चों की देख-रेख की जिम्मेदारी डालकर मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाती रही। उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स के सामने अपने बच्चे की हालत बयां करते हुए वह हाथ-पैर जोड़कर गिर गया पर उनका दिल नहीं पसीजा। मामला अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर कर्मजीत सिंह के ध्यान में आने के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।
लापरवाही के कारण उनके बच्चे की जान चली गई है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे की ओर ध्यान दिया जाता तो आज उसका बच्चा जिंदा होता। बच्चे की मां के आंसू देखकर अस्पताल में मौजूद कई अभिभावक भी रो पड़े और वह सरकारी तंत्र को कोसते हुए नजर आए। उन्होंने पीड़ित परिवार से दुख सांझा करते हुए अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलवाया जाए।
सरकार मामले को गंभीरता से ले
समाज सेवक जय गोपाल ने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है। अगर बच्चे को सही समय पर उपचार दिया जाता तो बच्चे की जान बच जानी थी, परंतु इसकी ड्यूटी उसकी ड्यूटी के चक्कर में बच्चे की मौत हो गई है। जिस डाक्टर की ड्यूटी थी तथा वह मौके पर नहीं आया उसकी भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह पंजाब सरकार को शिकायत भी दर्ज करवाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो एक मामला है जो सामने आ गया, ऐसे कई मामले अस्पताल में प्रतिदिन होते रहते हैं, जो मीडिया तथा आम जनता के सामने नहीं आते तथा परिवार बेबस होकर यहां से चला जाता है। इस मामले पर सरकार को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
मामले की जांच के दिए आदेश
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. कर्मजीत सिंह ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी आरोपी इस मामले में पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह भी उन्हें लिखित में शिकायत दर्ज करवाए।