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अब सिर्फ नीले-पीले रंग के होंगे निशान साहिब:श्री अकाल तख्त से आदेश जारी; गुरुद्वारों में केसरी रंग का भी होता था प्रयोग

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के तहत आते हर गुरुद्वारा साहिब में अब केसरी रंग की जगह सुरमई (नेवी ब्लू) या बसंती (पीले) रंग का निशान साहिब ही फहराया जाएगा। ये आदेश श्री अकाल तख्त की ओर से जारी किए गए हैं। आदेश के बाद SGPC ने सभी गुरुद्वारों को ये इसे लागू करने के लिए कह दिया है।

श्री अकाल तख्त साहिब पर 15 जुलाई को हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में ये निर्णय लिया गया था। निर्णय के बाद आदेशों को लागू करने के लिए अब इसे लेकर सर्कुलर जारी कर दिया गया है। पांच सिंह साहिबानों की बैठक में निशान साहिब के पोशाक के रंग की दुविधा को दूर करने के लिए फैसला लिया गया।आदेश में कहा गया है कि अब हर गुरुद्वारा साहिब पर निशान साहिब का रंग सुरमई या फिर बसंती होगा। जिसे लागू करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को आदेश जारी किए गए हैं।

SGPC ने जारी किया सर्कुलर

श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिए गए आदेशों के बाद अब SGPC ने एक सर्कुलर जारी किया है। धर्म प्रचार समिति की ओर से जारी परिपत्र में सिख प्रचारकों को सिख राहत मर्यादा के बारे में संगत और गुरुद्वारा प्रबंधनों के बीच जागरूकता पैदा करने के आदेश हैं। जानकारी के मुताबिक, SGPC प्रबंधित गुरुद्वारों में मूल रंग बहाल करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।

भगवा रंग का भी होता था निशान साहिब

वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है। अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है वहीं निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं।

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