अंतरराष्ट्रीयअमृतसरगुरदासपुरचंडीगढ़जालंधरपंजाबपटियालाराष्ट्रीयलुधियानाहरियाणाहिमाचलहोशियारपुर

दस्तावेज जांचने के बाद तालिबान ने भारतीयों समेत 150 लोगों को छोड़ा, लौट रहे काबुल एयरपोर्ट

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की हालत बेहद खराब होती जा रही है।  अल-इत्तेहा रूज की एक रिपोर्ट मुताबिक अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में इंटरनैशनल एयरपोर्ट की ओर जा रहे जिन 150 लोगों का तालिबानी आतंकियों ने अपहरण किया था अब उन्हें छोड़ दिया है और ये सभी लोग एयरपोर्ट लौट रहे हैं। 150 लोगों में अफगानी सिख, अफगानी नागरिक और ज्यादातर भारतीय लोग शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, भारतीयों के दस्तावेज जांचने के लिए तालिबान इन लोगों को अपने साथ ले गया था। जांच पूरी होने के बाद सभी लोगों को हवाई अड्डे के लिए रवाना कर दिया गया।

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने लोगों को दूसरे गेट से हवाई अड्डे तक पहुंचाने की बात कही थी लेकिन वे लोगों को कहां लेकर गए हैं, इसे लेकर चीज़ें अभी तक साफ़ नहीं है। तालिबान के प्रवक्ता अहमदुल्ला वासिक ने 150 से अधिक लोगों के अपहरण के आरोपों से इनकार किया है। अल-इत्तेहा की इस रिपोर्ट पर अब तक भारत सरकार ने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। भारतीयों को पीटे जाने की भी खबर है। सूत्र के मुताबिक, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ना चाह रहे हैं। देश छोड़ने के लिए लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। इसी दौरान तालिबानी विद्रोहियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। 

ये लोग काबुल एयरपोर्ट के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वे घुस नहीं पाए। इसके बाद तालिबानियों का एक गुट आया और वे उन्‍हें ताराखिल ले गए जो काबुल के पूर्व में स्थित है। इस दौरान भारतीयों की पिटाई की गई। सूत्र ने बताया कि उन्‍होंने खुद को मिनी वैन के शीशे खोलकर कूद गए और किसी तरह से अपनी जान बचाई। हांलाकि तालिबानी प्रवक्ता अहमदुल्लाह वसेक ने 150 लोगों को अगवा करने की खबर को नकारा है। 

भारत काबुल से अपने लोगों को निकालने के अभियान में लगातार जुटा हुआ है।  इस क्रम में इंडियन एयर फोर्स का एक विमान थोड़ी देर में 85 से अधिक भारतीयों को लेकर पहुंचने वाला है। जानकारी के अनुसार ये विमान रास्ते में फ्यूल के लिए ताजिकिस्तान में उतरा था। भारत सरकार के अधिकारी काबुल से भारतीयों नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने के अभियान में जुटे हुए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि तालिबान आंतकी सरेआम पब्लिक के सामने कुछ लोगों को रोक कर क्रूर तरीके से पूछताछ कर रहे हैं और जवाब मिलने के बाद गोलियों से भून रहे हैं। वीडियो में ये भी देखा जा सकता है कि तालिबानी आंतकियों द्वारा रास्ते से गुजर रहे वाहनों को  जबरन रोका जा रहा है और उनका आदेश न मानने वालों पर गोलिया बरसाई जा रही हैं। तालिबानी वहां खड़े लोगों को धमका रहा है और लाशों के ढेर लगाए जा रहा है। इस वीडियो से तालिबान शासन में होने वाली क्रूरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

बता दें कि तालिबान दुनिया को यह समझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कि वे 20 साल बाद अफगानिस्तान में सत्ता में वापस आने के बाद अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के साथ संबंध तोड़ लेगा और उन्हें दुनिया की मान्यता की आवश्यकता होगी। तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस  में कई सवालों के जवाब दिए, यहां तक ​​कि उन्होंने महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान करने की कसम खाई, लेकिन वे क्षेत्रीय आतंकी समूहों और उनके भविष्य के साथ अपने मजबूत संबंधों पर चुप थे।

उल्लेखनीय है कि तालिबान का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है। एक ओर मौजूदा तालिबान नेतृत्व दुनिया के सामने यह कह रहा है कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अफगान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा, जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह सुनी पश्तून (तालिबान) के अल कायदा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ बहुत करीबी संबंध हैं। पाकिस्तान स्थित ये दोनों वैश्विक आतंकवादी समूह तालिबान शासित अफगानिस्तान के भीतर अपने कैडर को प्रशिक्षित करने और अपने विरोधियों पर आतंकी हमले करने के लिए पनाहगाहों की तलाश कर रहे हैं। बता दें कि तालिबान ने खुले तौर पर जिहाद को अपना मौलिक इस्लामी कर्तव्य बताया है।

एयरलिफ्ट आप्रेशनः अफगानिस्तान से 85 और भारतीयों को लेकर उड़ा वायुसेना का विमान

तालिबान के कब्जे के बाद  अफगानिस्तान में हालात बेहद  खराब हो चुके हैं। भारत काबुल से अपने लोगों को निकालने के अभियान में लगातार जुटा हुआ है।  इस क्रम में इंडियन एयर फोर्स का एक विमान थोड़ी देर में 85 से अधिक भारतीयों को लेकर पहुंचने वाला है। जानकारी के अनुसार ये विमान रास्ते में फ्यूल के लिए ताजिकिस्तान में उतरा था। भारत सरकार के अधिकारी काबुल से भारतीयों नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने के अभियान में जुटे हुए हैं।अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत वहां के अन्य इलाकों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए कुछ दिन पहले ही वायुसेना के दो C-17 ग्‍लोबमास्‍टर विमानों को भेजा गया था। इनमें से एक ने पिछले रविवार की रात उड़ान भरी थी। विमान सोमवार सुबह भारत पहुंचा था। दूसरा विमान ने पिछले मंगलवार की सुबह काबुल से करीब 130 लोगों को लेकर उड़ान भरी थी। यह विमान गुजरात के जामनगर में फ्यूल लेने के बाद गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचा था। पिछले मंगलवार को वापस लौटने वालों में भारतीय राजदूत आर. टंडन, दूतावास के कर्मचारी समेत आईटीबीपी के जवान भी शामिल थे। प्लेन काबुल से उड़ान भरने के बाद गुजरात के जामनगर में फ्यूल के लिए उतरा था।जामनगर में लैंडिंग के बाद उसमें सवार लोगों ने राहत की सांस ली थी। अपने देश पहुंचने के बाद लोगों ने पूरे जोश के साथ विमान के अंदर ही भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट की उड़ान मुश्किल साबित हो रही है, इसलिए IAF को स्टैंडबाय पर रखा गया है। माना जा रहा है कि फिलहाल अफगानिस्तान में 400 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। उन लोगों वहां से बाहर निकालने की जरूरत है। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय अफगान नागरिकों के वीजा आवेदनों का भी आकलन कर रहा है। बता दें कि  भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों को वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं और एक स्पेशल अफगानिस्तान सेल (Special Afghanistan Cell) तैयार की गई है। 16 अगस्त की शाम को विदेश मंत्रालय ने स्पेशल अफगानिस्तान सेल का गठन किया, जिसका मिशन अफगानिस्तान से लगातार आ रही मदद की गुहार को मॉनिटर करना है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page